Tag: Dayaron se pare
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साधारण ही श्रेष्ठ थे
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भारत में कभी साधारण ही श्रेष्ठ हुआ करते थे। आम कारीगर अपना मालिक था, किसी के मातहत काम नहीं करता था और ये कारीगर उन जातियों से होते थे जिन्हें आज हम पिछड़ा और दलित की श्रेणी में डाल दिये हैं। यहाँ की समृद्धि जिसे पश्चिम के अर्थशास्त्र के इतिहासकार ऊंचे दर्जे की बताते हैं,…
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हमारा इतिहास बोध
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Note: This week’s post was published on Pawan Gupta’s blog dayaron se pare on January 22, 2020. Over the coming weeks some selected articles will be posted here but interested people may find it rewarding to visit ‘dayaron se pare’ and read all the posts there. हमारा इतिहास बोध लगभग खत्म सा हो गया है।…