THE SANKHYA
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Hindu Philosophy Obeisance to Sri Kapila Muni, the founder of the Sankhya system of philosophy, the son of Brahma, the Avatara of Vishnu. The word ‘Sankhya’ means ‘number’. The system gives an enumeration of the principles of the universe, twenty-five…
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This is the 18th verse from The Bhagavad Gita from Chapter IV, the commentary is given Sri Swami Sivananda कर्मण्यकर्म यः पश्येदकर्मणि च कर्म यः। स बुद्धिमान् मनुष्येषु स युक्तः कृत्स्नकर्मकृत् ॥१८॥ He who seeth inaction in action and action…
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सनातन सत्य के सूत्र हम अक्सर यह चर्चा करते हैं कि भारतीयता का आधार सनातन सत्य है। उस सत्य की झलक हमें हमारे सनातन साहित्य में सहज ही मिल जाती है। वैसे तो सम्पूर्ण साहित्य का अध्ययन इस आलोक में…
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मौलिकता की ओर प्रेरित करता इकोसिस्टम हम दायरों में रहने के आदी हो चुके हैं। जो भी चला आ रहा है, उसी के अनुसार चलते रहना हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति बन गई है। “अधिक प्रयास मत करो,” यही हमारा अवचेतन संदेश…
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‘आगे बढ़ना’ क्या है? मैंने 19 वर्षों तक मुख्यधारा की परियोजनाओं में काम किया। दिन-भर की व्यस्तता, अनगिनत ईमेल, फोन कॉल और असंख्य चर्चाएँ… लेकिन यह सब किस लिए? मैं खुद से पूछता था – क्या मैं सही दिशा में…
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सनातन का अर्थ है “Eternal and Perennial Truth”— शाश्वत और सतत सत्य। कृष्णमूर्ति के शब्दों में, यह “What Is” है। It is a given. You can’t do anything about it. इसलिए इसमें तर्क नहीं है। यह तो बस है। जैसा…
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अर्थ का अनुभव और शब्द – भाग-2 पिछले सप्ताह के ब्लॉग में मैंने ‘अर्थ का अनुभव और शब्द’ पर अपने विचार साझा किए। मैं उस समय यह देख पा रहा था कि अर्थ को हम स्वयं के भीतर देखते हैं…
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अर्थ का अनुभव और शब्दजब मनुष्य के बीच भाषा विकसित हो रही होगी, तब वस्तुओं और क्रियाओं के नामकरण अपने-अपने स्तर पर हो रहे होंगे। नामकरण से पहले भी ये सभी वस्तुएँ और क्रियाएँ अस्तित्व में रही ही होंगी। मनुष्य…
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मान्यताएं और जड़ता सूर्य एक स्थान पर स्थिर है और पृथ्वी उसकी परिक्रमा कर रही है। साथ ही, वह अपनी धुरी पर भी समान गति से घूम रही है। यह हम सभी जानते हैं। पृथ्वी और सूर्य की यह स्थिति…
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अनुभव और मान्यताएं अनुभव को मान्यताओं से अलग रखना जरूरी है, अन्यथा अनुभव पर बहुधा मान्यताएं हावी हो जाती हैं। मान्यताएं अपनी memory में होती हैं, विगत से आती हैं। अनुभव वर्तमान में होता है फिर वह हमारी मान्यता बन…
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Q&A with Sri Ramana Maharshi (Master) Is there any way of adoring the Supreme which is all, except by abiding firmly as that! Disciple: Master! What is the means to gain the state of eternal bliss, ever devoid of misery? Master: Apart from…
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साधारण भारतीय दृष्टिकोण साधारण भारतीय व्यक्ति का दृष्टिकोण, उसके जीवन में गहराई से जमीं हुई मान्यताओं से संचालित होता है। इन मान्यताओं को लेकर उसमें न तो कोई ग्लानि होती है और न ही कोई दंभ। उसके लिए मानना या…
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