Tag: Self-reflection

  • Apne andar dekhna

    अपने अंदर देखना। कितनी बार सुना है, पढ़ा है इस तरह की बातें। हमारे देश में तो आधुनिक गुरुओं से लेकर पता नहीं अतीत में कितने ही महापुरुषों ने ऐसी बातें की हैं। पर अंदर देखना क्या सिर्फ ‘निरपेक्ष’ संवेदनाओं, सांसों का या विचारों और भावों का ही होता है या इससे ज्यादा भी कुछ…


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home2/sidhsri/public_html/blog/wp-includes/functions.php on line 5427